● मानसिक रूप से मजबूत लोग स्वस्थ आदतें रखते हैं। उनके मन में व्यर्थ के विचार बिल्कुल भी नहीं आते। वह अपनी भावनाओं, विचारों और व्यवहार को नियंत्रित कर खुद को जीवन में सफलता की ओर अग्रसर करते हैं।
1) मानसिक रूप से मजबूत लोग :-
जिदंगी में उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं, ऐसे में मानसिक रूप से मजबूत लोग ही जिंदगी के इन उतार-चढ़ाव का सामना बहुत बहादुरी से करते हैं। मानसिक रूप से मजबूत लोग स्वस्थ आदतें रखते हैं। वह अपनी भावनाओं, विचारों और व्यवहार को नियंत्रित कर खुद को जीवन में सफलता की ओर अग्रसर करते हैं। मानसिक रूप से मजबूत लोगों के मन में व्यर्थ के विचार बिल्कुल भी नहीं आते। आइए जानें ऐसी कौन से विचारों की अनदेखी कर मजबूत लोग मुश्किलों को सामना भी बहुत हिम्मत से करते हैं।
जिदंगी में उतार-चढ़ाव तो आते रहते हैं, ऐसे में मानसिक रूप से मजबूत लोग ही जिंदगी के इन उतार-चढ़ाव का सामना बहुत बहादुरी से करते हैं। मानसिक रूप से मजबूत लोग स्वस्थ आदतें रखते हैं। वह अपनी भावनाओं, विचारों और व्यवहार को नियंत्रित कर खुद को जीवन में सफलता की ओर अग्रसर करते हैं। मानसिक रूप से मजबूत लोगों के मन में व्यर्थ के विचार बिल्कुल भी नहीं आते। आइए जानें ऐसी कौन से विचारों की अनदेखी कर मजबूत लोग मुश्किलों को सामना भी बहुत हिम्मत से करते हैं।
2) स्वयं के लिए सॉरी फील कर समय बर्बाद नहीं करते :-
मानसिक रूप से मजबूत लोग अपने हालात और दूसरों के व्यवहार को लेकर परेशान नहीं होते। इसकी बजाय वे अपने व्यवहार और परिणाम की जिम्मेदारी लेना पसंद करते हैं। वे जानते हैं कि जीवन में हमेशा सब कुछ अच्छा नहीं होता। वह समस्या में उलझने की बजाय उसके समाधान पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
मानसिक रूप से मजबूत लोग अपने हालात और दूसरों के व्यवहार को लेकर परेशान नहीं होते। इसकी बजाय वे अपने व्यवहार और परिणाम की जिम्मेदारी लेना पसंद करते हैं। वे जानते हैं कि जीवन में हमेशा सब कुछ अच्छा नहीं होता। वह समस्या में उलझने की बजाय उसके समाधान पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
3) दूसरों की नजरों से खुद का आकलन नहीं करते :-
मानसिक रूप से मजबूत लोग अन्य किसी को भी यह अधिकार नहीं देते कि वे उन्हें छोटा या हीन महसूस कराये। ऐसे लोग अपने काम और भावनाओं पर नियंत्रण करके चलते हैं। मुश्किल समय में उनके द्धारा की प्रतिक्रिया उनकी मजबूती का अहसास कराती है।
मानसिक रूप से मजबूत लोग अन्य किसी को भी यह अधिकार नहीं देते कि वे उन्हें छोटा या हीन महसूस कराये। ऐसे लोग अपने काम और भावनाओं पर नियंत्रण करके चलते हैं। मुश्किल समय में उनके द्धारा की प्रतिक्रिया उनकी मजबूती का अहसास कराती है।
4) बदलाव से नहीं डरते :-
मानसिक रूप से मजबूत लोग परिवर्तन से बचने की कोशिश नहीं करते। इसके बजाय, वे सकारात्मक परिवर्तन का स्वागत करते हैं और लचीला होना के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ऐसे लोग समझते हैं कि बदलाव अपरिहार्य और उसके अनुकूल बनने की क्षमता में विश्वास करते हैं।
मानसिक रूप से मजबूत लोग परिवर्तन से बचने की कोशिश नहीं करते। इसके बजाय, वे सकारात्मक परिवर्तन का स्वागत करते हैं और लचीला होना के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। ऐसे लोग समझते हैं कि बदलाव अपरिहार्य और उसके अनुकूल बनने की क्षमता में विश्वास करते हैं।
5) अकेलेपन से डरते नहीं :-
ज्यादातर लोग अकेलेपन से घबरा जाते हैं लेकिन मानसिक रूप से मजबूत लोग अकेलेपन से घबराते नहीं, बल्कि अकेले समय का भी सदुप्रयोग करते हैं। वह अपनी खुशियों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं करते। दूसरों के साथ भी खुश रहते हैं और अकेले होने पर तो और भी ज्यादा खुश रहते हैं।
ज्यादातर लोग अकेलेपन से घबरा जाते हैं लेकिन मानसिक रूप से मजबूत लोग अकेलेपन से घबराते नहीं, बल्कि अकेले समय का भी सदुप्रयोग करते हैं। वह अपनी खुशियों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं करते। दूसरों के साथ भी खुश रहते हैं और अकेले होने पर तो और भी ज्यादा खुश रहते हैं।
6) दूसरों की सफलता से जलते नहीं :-
मानसिक रूप से मजबूत लोग दूसरों की खुशी और सफलता से जलते नहीं बल्कि खुश होते हैं। दूसरों की सफलता से प्रेरणा लेते हैं और खुद को सफल बनाने के लिए कड़ी से कड़ी मेहनत करने के लिए भी तैयार रहते हैं।
मानसिक रूप से मजबूत लोग दूसरों की खुशी और सफलता से जलते नहीं बल्कि खुश होते हैं। दूसरों की सफलता से प्रेरणा लेते हैं और खुद को सफल बनाने के लिए कड़ी से कड़ी मेहनत करने के लिए भी तैयार रहते हैं।
7) बेकार के कामों में एनर्जी खर्च नहीं करते :-
सामान खोने या ट्रैफिक जाम से अधिक शिकायत करते हुए आपने कभी एक मानसिक रूप से मजबूत व्यक्ति को नहीं सुना होगा। इसकी बजाय वह जीवन में क्या नियंत्रित कर सकते हैं इससे अपना ध्यान केद्रित करते हैं। मानसिक रूप से मजबूत लोग उन कामों पर ऊर्जा व्यर्थ नहीं करते जिन पर उनका नियंत्रण नहीं है।
सामान खोने या ट्रैफिक जाम से अधिक शिकायत करते हुए आपने कभी एक मानसिक रूप से मजबूत व्यक्ति को नहीं सुना होगा। इसकी बजाय वह जीवन में क्या नियंत्रित कर सकते हैं इससे अपना ध्यान केद्रित करते हैं। मानसिक रूप से मजबूत लोग उन कामों पर ऊर्जा व्यर्थ नहीं करते जिन पर उनका नियंत्रण नहीं है।
8) दूसरों को खुश करने की कोशिश नहीं करते :-
मानसिक रूप से मजबूत लोग हर समय हर किसी को खुश करने की जरूरत महसूस नहीं करते। और न ही दूसरों को नाखुश करने में अपनी एनर्जी व्यर्थ करते हैं। वे उदार और न्यायपूर्ण व्यवहार करते हैं, और दूसरों को खुश करने का प्रयास उतना ही करते हैं, जितना की जरूरी हो।
मानसिक रूप से मजबूत लोग हर समय हर किसी को खुश करने की जरूरत महसूस नहीं करते। और न ही दूसरों को नाखुश करने में अपनी एनर्जी व्यर्थ करते हैं। वे उदार और न्यायपूर्ण व्यवहार करते हैं, और दूसरों को खुश करने का प्रयास उतना ही करते हैं, जितना की जरूरी हो।
9) तत्काल परिणाम की उम्मीद नहीं करते :-
चाहे नया व्यापार हो या स्वास्थ्य में सुधार की कोशिश, मानसिक रूप से मजबूत लोग कोई भी काम तुरंत परिणाम पाने की चाह में नहीं करते। वे किसी काम में लंबे समय तक बने रहने के लिए उतरते हैं। वह इस बात को समझते हैं कि वास्तविक परिवर्तन में समय लगता है। उनमें धैर्य की क्षमता होती है।
चाहे नया व्यापार हो या स्वास्थ्य में सुधार की कोशिश, मानसिक रूप से मजबूत लोग कोई भी काम तुरंत परिणाम पाने की चाह में नहीं करते। वे किसी काम में लंबे समय तक बने रहने के लिए उतरते हैं। वह इस बात को समझते हैं कि वास्तविक परिवर्तन में समय लगता है। उनमें धैर्य की क्षमता होती है।
10) दूसरों से अपनी तुलना नहीं करते :-
निराशा और अशांत मन का सबसे बड़ा कारण होता है, दूसरों से अपनी तुलना करना। हम अक्सर अपनी तुलना दूसरे लोगों के साथ करने लगते हैं। लगातार इस तरह की बातें सोचने से हमें तनाव का सामना करना पड़ता है। हम अक्सर ये सोचकर दुखी रहते हैं कि दूसरों की तुलना में हमारे पास क्या नहीं है। लेकिन मानसिक रूप से मजबूत लोग अपनी तुलना दूसरों से नहीं करते। और जो उनके पास मौजूद होता है वह उसी में संतुष्ट रहते हैं।
निराशा और अशांत मन का सबसे बड़ा कारण होता है, दूसरों से अपनी तुलना करना। हम अक्सर अपनी तुलना दूसरे लोगों के साथ करने लगते हैं। लगातार इस तरह की बातें सोचने से हमें तनाव का सामना करना पड़ता है। हम अक्सर ये सोचकर दुखी रहते हैं कि दूसरों की तुलना में हमारे पास क्या नहीं है। लेकिन मानसिक रूप से मजबूत लोग अपनी तुलना दूसरों से नहीं करते। और जो उनके पास मौजूद होता है वह उसी में संतुष्ट रहते हैं।