▪ खाने में पौष्टिकता के कारण ब्लड में हीमोग्लोबिन की कमी होती है।
▪ किड्नी की ज्यादातर समस्यायें हीमोग्लोबिन की कमी कारण होती हैं।
▪ चुकंदर, अमरूद, अंगूर, तुलसी, सेब, आम, आदि का सेवन कीजिए।
▪ हर्बल दवाओं से हीमोग्लोबिन के स्तर को आसानी से बढ़ा सकते हैं।
● खाने में पोषक तत्वों की कमी के कारण ब्लड में हीमोग्लोबिन का स्तर घटता है। खाने में आयरन की कमी के कारण यह इसका स्तर घटता है। खाने में आयरन और प्रोटीन से भरपूर तत्वों को शामिल करके हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाया जा सकता है। किड्नी की ज्यादातर समस्यायें हीमोग्लोबिन के स्तर के कारण होती हैं। जब किड्नी एरीथ्रोप्रोटीन का उत्सर्जन कम मात्रा में करता है तो यह समस्या आती है। एरीथ्रोपोटीन एक प्रकार का हार्मोन है जो लाल रक्त-कणिकाओं के निर्माण में सहायक होता है।
● शरीर में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर पुरुषों में 14-18ग्रा, महिलाओं में 12-16ग्रा, मापा जाता है। हीमोग्लोबिन की कमी से खून में आक्सीजन वहन की क्षमता कम हो जाती है। जिसके कारण लाल रक्त-कणिकाओं की संख्या कम हो जाती है और एनीमिया हो जाता है। यदि शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम रहता है तो गुर्दा रोग, खून की कमी, कैंसर जैसी बीमारियां होने की संभावना होती है। हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने से चक्कर आना, त्वचा का पीला होना, सुस्ती छाना जैसी समस्यायें होती हैं।
》आहार के द्वारा
हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान खान-पान का होता है। हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाले आहार निम्न हैं -
1) चुकन्दर-
इसमें आयरन के तत्व ज्यादा मात्रा में होते हैं। यह खून में हीमोग्लोबीन का निर्माण व लाल रक्तकणों की सक्रियता को बढ़ाता है। चुकंदर से ज्यादा लौह तत्व इसकी पत्तियों में होता है।
2) अमरूद-
अमरूद जितना ज्यादा पका हुआ होगा, उतना ही पौष्टिक होगा। पके अमरूद को खाने से शरीर में हीमोग्लोबीन की कमी नहीं होती।
3) आम और सेब-
आम खाने से हमारे शरीर में रक्त अधिक मात्रा में बनता है, एनीमिया में यह फायदेमंद होता है। सेब एनीमिया जैसी बीमारी में लाभकारी होता है। सेब खाने से शरीर में हीमोग्लोबीन बनता है।
4) अंगूर-
अंगूर में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। जो शरीर में हीमोग्लोबीन बनाता है। इसके अलावा अंगूर हीमोग्लोबीन की कमी से होने वाली बीमारियों को ठीक करने में सहायक होता है।
5) तुलसी-
तुलसी रक्त की कमी को कम करता है। तुलसी के नियमित सेवन से शरीर में हीमोग्लोबीन की मात्रा बढ़ती है।
6) हरी सब्जियां-
शरीर में हीमोग्लोबीन बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा तिल, पालक, अंडा, नारियल, गुड़, जामुन, नाशपाती, दलिया आदि खाने से हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।
》 हर्ब्स के द्वारा
हर्बल दवा भी हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये जड़ी बूटियां निम्न हैं -
1) विथेनिया -
हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल बहुत पहले से किया जा रहा है। यह लाल रक्त-कणिकाओं कोशिकाओं में सुधार करता है। इसके अलावा यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, नर्वस सिस्टम को नियंत्रित करता है।
2) डांग क्वी -
इसका प्रयोग चीन में मासिक धर्म के दौरान लाल-रक्त कणिकाओं को बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता था।
3) नेटल लीफ -
इसमें सभी विटामिन और मिनरल्स पाये जाते हैं। इसमें ज्यादा मात्रा में आयरन, विटामिन-बी, विटामिन-ई, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक आदि पाया जाता है, जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है।
☆ इसके अलावा नियमित रूप से योगा और व्यायाम करना चाहिए, इससे शरीर स्वस्थ रहता है और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। अगर आपका हीमोब्लोबिन का स्तर कम है तो चिकित्सक से सलाह अवश्य लीजिए।
▪ किड्नी की ज्यादातर समस्यायें हीमोग्लोबिन की कमी कारण होती हैं।
▪ चुकंदर, अमरूद, अंगूर, तुलसी, सेब, आम, आदि का सेवन कीजिए।
▪ हर्बल दवाओं से हीमोग्लोबिन के स्तर को आसानी से बढ़ा सकते हैं।
● खाने में पोषक तत्वों की कमी के कारण ब्लड में हीमोग्लोबिन का स्तर घटता है। खाने में आयरन की कमी के कारण यह इसका स्तर घटता है। खाने में आयरन और प्रोटीन से भरपूर तत्वों को शामिल करके हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाया जा सकता है। किड्नी की ज्यादातर समस्यायें हीमोग्लोबिन के स्तर के कारण होती हैं। जब किड्नी एरीथ्रोप्रोटीन का उत्सर्जन कम मात्रा में करता है तो यह समस्या आती है। एरीथ्रोपोटीन एक प्रकार का हार्मोन है जो लाल रक्त-कणिकाओं के निर्माण में सहायक होता है।
● शरीर में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर पुरुषों में 14-18ग्रा, महिलाओं में 12-16ग्रा, मापा जाता है। हीमोग्लोबिन की कमी से खून में आक्सीजन वहन की क्षमता कम हो जाती है। जिसके कारण लाल रक्त-कणिकाओं की संख्या कम हो जाती है और एनीमिया हो जाता है। यदि शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम रहता है तो गुर्दा रोग, खून की कमी, कैंसर जैसी बीमारियां होने की संभावना होती है। हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने से चक्कर आना, त्वचा का पीला होना, सुस्ती छाना जैसी समस्यायें होती हैं।
》आहार के द्वारा
हीमोग्लोबिन को बढ़ाने में सबसे ज्यादा योगदान खान-पान का होता है। हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाले आहार निम्न हैं -
1) चुकन्दर-
इसमें आयरन के तत्व ज्यादा मात्रा में होते हैं। यह खून में हीमोग्लोबीन का निर्माण व लाल रक्तकणों की सक्रियता को बढ़ाता है। चुकंदर से ज्यादा लौह तत्व इसकी पत्तियों में होता है।
2) अमरूद-
अमरूद जितना ज्यादा पका हुआ होगा, उतना ही पौष्टिक होगा। पके अमरूद को खाने से शरीर में हीमोग्लोबीन की कमी नहीं होती।
3) आम और सेब-
आम खाने से हमारे शरीर में रक्त अधिक मात्रा में बनता है, एनीमिया में यह फायदेमंद होता है। सेब एनीमिया जैसी बीमारी में लाभकारी होता है। सेब खाने से शरीर में हीमोग्लोबीन बनता है।
4) अंगूर-
अंगूर में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। जो शरीर में हीमोग्लोबीन बनाता है। इसके अलावा अंगूर हीमोग्लोबीन की कमी से होने वाली बीमारियों को ठीक करने में सहायक होता है।
5) तुलसी-
तुलसी रक्त की कमी को कम करता है। तुलसी के नियमित सेवन से शरीर में हीमोग्लोबीन की मात्रा बढ़ती है।
6) हरी सब्जियां-
शरीर में हीमोग्लोबीन बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा तिल, पालक, अंडा, नारियल, गुड़, जामुन, नाशपाती, दलिया आदि खाने से हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।
》 हर्ब्स के द्वारा
हर्बल दवा भी हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये जड़ी बूटियां निम्न हैं -
1) विथेनिया -
हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल बहुत पहले से किया जा रहा है। यह लाल रक्त-कणिकाओं कोशिकाओं में सुधार करता है। इसके अलावा यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, नर्वस सिस्टम को नियंत्रित करता है।
2) डांग क्वी -
इसका प्रयोग चीन में मासिक धर्म के दौरान लाल-रक्त कणिकाओं को बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता था।
3) नेटल लीफ -
इसमें सभी विटामिन और मिनरल्स पाये जाते हैं। इसमें ज्यादा मात्रा में आयरन, विटामिन-बी, विटामिन-ई, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक आदि पाया जाता है, जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है।
☆ इसके अलावा नियमित रूप से योगा और व्यायाम करना चाहिए, इससे शरीर स्वस्थ रहता है और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। अगर आपका हीमोब्लोबिन का स्तर कम है तो चिकित्सक से सलाह अवश्य लीजिए।