* कमर दर्द बहुत ही आम समस्या हो गई है। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि अब
यह समस्या बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी को अपनी चपेट में ले रही है। यह
समस्या सामान्य और तीव्र दो रूपों में प्राय: देखी जाती है। यद्यपि सामान्य
कमर दर्द कम होता है और रोगी चल-फिर लेता है।लेकिन फिर भी कई बार यह दर्द
बड़ी समस्या का कारण बन सकता है। इसलिए हम आपको बताने जा रहे कमरदर्द का रामबाण योगिक उपाय। आप रोजाना कुछ देर मार्जारी आसन करें आपको इस दर्द से जल्द ही मुक्ति मिल जाएगी।
मार्जारी आसन विधि- दोनों घुटनों और दोनों हाथों को जमीन पर रखकर झुककर
खड़ी हो जाएं। हाथों को जमीन पर बिलकुल सीधा रखें। ध्यान रखें कि हाथ कंधों
की सीध में हों और हथेली फर्श पर इस तरह टिकाएं कि उंगलियां आगे की तरफ
फैली हों। हाथों को घुटनों की सीध में रखें, बांहें और जांघें भी फर्श से
एक सीध में होनी चाहिए। घुटनों को एक-दूसरे से सटाकर भी रख सकती हैं और
चाहें तो थोड़ी दूर भी।
यह इस आसन की आरंभिक अवस्था है। इसके बाद रीढ़ को ऊपर की तरफ खींचते हुए सांस अंदर खींचें। इसे इस स्थिति तक लाएं कि पीठ अवतल अवस्था में पूरी तरह ऊपर खिंची हुई दिखे। सांस अंदर की ओर तब तक खींचती रहें जब तक कि पेट हवा से पूरी तरह भर न जाए। इस दौरान सिर का ऊपर उठाए रखें। सांस को तीन सेकंड तक भीतर रोक कर रखें।इसके बाद पीठ को बीच से ऊपर उठाकर सिर नीचे झुकाएं। अपनी दृष्टि नाभि पर टिकाएं। सांस धीरे-धीरे बाहर छोड़ें और पेट को पूरी तरह खाली कर दें और नितंबों को भी भीतर की तरफ खींचें। सांस को फिर तीन सेकंड तक रोकें और सामान्य दशा में वापस आ जाएं। इस तरह इस आसन का एक चक्र पूरा होता है।
लाभ- यह आसन कमरदर्द और पीठदर्द में बहुत लाभदायक है।
यह इस आसन की आरंभिक अवस्था है। इसके बाद रीढ़ को ऊपर की तरफ खींचते हुए सांस अंदर खींचें। इसे इस स्थिति तक लाएं कि पीठ अवतल अवस्था में पूरी तरह ऊपर खिंची हुई दिखे। सांस अंदर की ओर तब तक खींचती रहें जब तक कि पेट हवा से पूरी तरह भर न जाए। इस दौरान सिर का ऊपर उठाए रखें। सांस को तीन सेकंड तक भीतर रोक कर रखें।इसके बाद पीठ को बीच से ऊपर उठाकर सिर नीचे झुकाएं। अपनी दृष्टि नाभि पर टिकाएं। सांस धीरे-धीरे बाहर छोड़ें और पेट को पूरी तरह खाली कर दें और नितंबों को भी भीतर की तरफ खींचें। सांस को फिर तीन सेकंड तक रोकें और सामान्य दशा में वापस आ जाएं। इस तरह इस आसन का एक चक्र पूरा होता है।
लाभ- यह आसन कमरदर्द और पीठदर्द में बहुत लाभदायक है।