● फूलगोभी को वैसे तो अनेक तरह की स्वादिष्ठ सब्जियों को तैयार करने
में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन बहुत ही कम लोग इसके औषधीय गुणों से
परिचित हैं। यदि आप भी इससे जुडे पारंपरिक ज्ञान को जानेंगे तो निश्चित ही
आप आश्चर्य चकित हुए बगैर नहीं रहेंगे। चलिए आज जानते है फूल गोभी से
संबंधित आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान के बारे में।
1) आदिवासियों के अनुसार इसके पत्तों को कुचलकर रस तैयार किया जाए और कुल्ला किया जाए तो मसूढ़ों से खून का निकलना बंद हो जाता है। वैसे कच्ची फूल गोभी को चबाने से मसूडों की सूजन भी उतर जाती है ।
1) आदिवासियों के अनुसार इसके पत्तों को कुचलकर रस तैयार किया जाए और कुल्ला किया जाए तो मसूढ़ों से खून का निकलना बंद हो जाता है। वैसे कच्ची फूल गोभी को चबाने से मसूडों की सूजन भी उतर जाती है ।
2) पत्तों को कुचलकर तैयार किया रस प्रतिदिन पीने से गठिया रोग के निदान
में भी लाभकारी होता है। माना जाता है कि कम से कम तीन माह तक अक्सर इस रस
का सेवन करते रहने से हर तरह के दर्द की छुट्टी हो जाती है।
3) फूल गोभी और गाजर का रस समान मात्रा में तैयार कर इसका १ गिलास प्रतिदिन दिन में दो बार देने से पीलिया ग्रस्त रोगी को फायदा होता है। डाँग- गुजरात के आदिवासियों के अनुसार इसी फार्मुले को हाथ-पैर और हड्डियों में दर्द की शिकायत करने वाले रोगियों को देने की सलाह देते है।
3) फूल गोभी और गाजर का रस समान मात्रा में तैयार कर इसका १ गिलास प्रतिदिन दिन में दो बार देने से पीलिया ग्रस्त रोगी को फायदा होता है। डाँग- गुजरात के आदिवासियों के अनुसार इसी फार्मुले को हाथ-पैर और हड्डियों में दर्द की शिकायत करने वाले रोगियों को देने की सलाह देते है।