कुम्हार की काली मिट्टी में जरा-सा देशी घी मिलाकर शरीर के विशेष अंगों पर लेप करें|
करेले का रस चार चम्मच और मकोय का अर्क पांच चम्मच - दोनों को मिलाकर रोज सुबह के समय खाली पेट सेवन करें|
करेले का रस चार चम्मच और मकोय का अर्क पांच चम्मच - दोनों को मिलाकर रोज सुबह के समय खाली पेट सेवन करें|
करेले के थोड़े-से रस में एक चम्मच सोंठ का चूर्ण मिलाकर पिएं|
गुलाबजल में कपूर मिलाकर सूजन वाले स्थान पर लगाएं|
सूजन पर हल्दी व चूने को लेप बहुत फायदा करता है|
गाय के आधे कप ताजे मूत्र में 50 ग्राम अखरोट का तेल मिलाकर सारे बदन पर मालिश करें|
कच्चे आलू पानी में उबालकर उस पानी से अंग विशेष पर सेंक लगाएं|
गरम पानी में दो-तीन शलजम के छोटे-छोटे टुकड़े डालकर थोड़ी देर तक रखा रहने दें| फिर उस पानी से प्रभावित अंग धोएं अथवा उबले पानी में जरासा शलजम का अर्क डालकर शरीर धोएं|
शरीर में सूजन आ जाने पर तरबूज के रस में कालीमिर्च का चूर्ण डालकर सेवन करें|
सोंठ, कालीमिर्च तथा सौंफ - तीनों का चूर्ण दो चम्मच की मात्रा में गुड़ के साथ खाएं|
सोंठ तथा पुराना गुड़ मिलाकर खाने से शरीर की सूजन जाती रहती है|
चार-पांच कालीमिर्च मक्खन के साथ खाने से सूजन उतर जाती है|
पानी में गेहूं उबालकर उस पानी से सूजन वाले स्थान पर कपड़े द्वारा सेंकाई करें|
अनन्नास का रस पीने से सूजन कम हो जाती है|
मेथी की पत्तियों को उबालकर उसकी पुल्टिस बनाकर सूजन वाले स्थान पर बांधें|
काशीफल के आठ-दस बीजों की चटनी बनाकर शहद के साथ चाटें|
अरहर की दाल को पीसकर गरम करें| फिर उसकी पुल्टिस बांधें|
एरण्ड के पत्तों पर गरम तेल (सरसों का) चुपड़कर सूजन वाले स्थान पर रखकर पट्टी बांध दें|
10 ग्राम गेहूं की भूसी पानी में उबालें| फिर उसमें जरा-सा नमक डालकर छानकर पी जाएं|
मटर को पानी में उबालकर उस पानी से पैर की उंगलियां धोएं| जाड़ों में होने वाली पैर की उंगलियों की सूजन खत्म हो जाएगी|
तारपीन के तेल में सरसों का तेल मिलाकर सूजन वाले स्थान पर रोज मालिश करें|
फिटकरी को पानी में डालकर उबाल लें| इस पानी से सूजन वाले अंगों को धीरे-धीरे कुछ देर तक धोते रहें|
सेंधा नमक के धेले को गरम करके सूजन वाला स्थान सेंकें|
गरम पानी में एक चम्मच तुलसी का अर्क, एक चम्मच सोंठ का चूर्ण और एक चम्मच सरसों का तेल डालकर सेंकाई करें|
गुलाबजल में कपूर मिलाकर सूजन वाले स्थान पर लगाएं|
सूजन पर हल्दी व चूने को लेप बहुत फायदा करता है|
गाय के आधे कप ताजे मूत्र में 50 ग्राम अखरोट का तेल मिलाकर सारे बदन पर मालिश करें|
कच्चे आलू पानी में उबालकर उस पानी से अंग विशेष पर सेंक लगाएं|
गरम पानी में दो-तीन शलजम के छोटे-छोटे टुकड़े डालकर थोड़ी देर तक रखा रहने दें| फिर उस पानी से प्रभावित अंग धोएं अथवा उबले पानी में जरासा शलजम का अर्क डालकर शरीर धोएं|
शरीर में सूजन आ जाने पर तरबूज के रस में कालीमिर्च का चूर्ण डालकर सेवन करें|
सोंठ, कालीमिर्च तथा सौंफ - तीनों का चूर्ण दो चम्मच की मात्रा में गुड़ के साथ खाएं|
सोंठ तथा पुराना गुड़ मिलाकर खाने से शरीर की सूजन जाती रहती है|
चार-पांच कालीमिर्च मक्खन के साथ खाने से सूजन उतर जाती है|
पानी में गेहूं उबालकर उस पानी से सूजन वाले स्थान पर कपड़े द्वारा सेंकाई करें|
अनन्नास का रस पीने से सूजन कम हो जाती है|
मेथी की पत्तियों को उबालकर उसकी पुल्टिस बनाकर सूजन वाले स्थान पर बांधें|
काशीफल के आठ-दस बीजों की चटनी बनाकर शहद के साथ चाटें|
अरहर की दाल को पीसकर गरम करें| फिर उसकी पुल्टिस बांधें|
एरण्ड के पत्तों पर गरम तेल (सरसों का) चुपड़कर सूजन वाले स्थान पर रखकर पट्टी बांध दें|
10 ग्राम गेहूं की भूसी पानी में उबालें| फिर उसमें जरा-सा नमक डालकर छानकर पी जाएं|
मटर को पानी में उबालकर उस पानी से पैर की उंगलियां धोएं| जाड़ों में होने वाली पैर की उंगलियों की सूजन खत्म हो जाएगी|
तारपीन के तेल में सरसों का तेल मिलाकर सूजन वाले स्थान पर रोज मालिश करें|
फिटकरी को पानी में डालकर उबाल लें| इस पानी से सूजन वाले अंगों को धीरे-धीरे कुछ देर तक धोते रहें|
सेंधा नमक के धेले को गरम करके सूजन वाला स्थान सेंकें|
गरम पानी में एक चम्मच तुलसी का अर्क, एक चम्मच सोंठ का चूर्ण और एक चम्मच सरसों का तेल डालकर सेंकाई करें|