• जैसे ही सफर करने के समय में व्यक्ति का जी मिचलाने
लगे तथा उल्टियां होने लगे उसी समय व्यक्ति को अपने
मुंह में लौंग रखकर चूसनी चाहिए। इससे
जी मिचलाना और उल्टियां होना भी बंद
हो जाती हैं।
• सफर पर जाने से आधे घंटे पहले ही 1 चम्मच प्याज के रस
और 1 चम्मच अदरक के रस को मिलाकर पी लें। इससे सफर में
जी नहीं मिचलाएगा (उबकाई नहीं आयेगी)। अगर सफर
ज्यादा लम्बा हो तो यह रस बनाकर अपने साथ ही रख
लें। इस रस को दुबारा 4 से 6 घंटे के बाद पी सकते हैं। इस
रस को पीने से
जी नहीं मिचलाता तथा उल्टी भी नहीं होती।
लगे तथा उल्टियां होने लगे उसी समय व्यक्ति को अपने
मुंह में लौंग रखकर चूसनी चाहिए। इससे
जी मिचलाना और उल्टियां होना भी बंद
हो जाती हैं।
• सफर पर जाने से आधे घंटे पहले ही 1 चम्मच प्याज के रस
और 1 चम्मच अदरक के रस को मिलाकर पी लें। इससे सफर में
जी नहीं मिचलाएगा (उबकाई नहीं आयेगी)। अगर सफर
ज्यादा लम्बा हो तो यह रस बनाकर अपने साथ ही रख
लें। इस रस को दुबारा 4 से 6 घंटे के बाद पी सकते हैं। इस
रस को पीने से
जी नहीं मिचलाता तथा उल्टी भी नहीं होती।