● दिन भर की भाग-दौड़ के चलते तनाव भी होने लगता है। और फिर अगला दिन
पहाड़ जैसा लगता है। लेकिन अगर ध्यान से अगर देखा जाए तो दिन को आसान बनाना
कोई मुश्किल काम नहीं है और इसे आसान बनाया जा सकता है।
1) मुश्किल दिन भी हो जाएगा आसान :-
दिन शुरू होता है, और फिर गुज़र जाता है। ढेर सारे कामों के बीच पता ही नहीं चलता की ये कैसे गुज़र गया। लगता है मानो इस दिन में कुछ घंटे और मिल जाते। इसी बीच दिन भर की भाग-दौड़ के चलते तनाव भी होने लगता है। और फिर अगला दिन पहाड़ जैसा लगता है। लेकिन अगर ध्यान से अगर देखा जाए तो दिन को आसान बनाना कोई मुश्किल काम नहीं है। बस इसके लिए आपको कुछ टिप्स अपनाने होंगे।
1) मुश्किल दिन भी हो जाएगा आसान :-
दिन शुरू होता है, और फिर गुज़र जाता है। ढेर सारे कामों के बीच पता ही नहीं चलता की ये कैसे गुज़र गया। लगता है मानो इस दिन में कुछ घंटे और मिल जाते। इसी बीच दिन भर की भाग-दौड़ के चलते तनाव भी होने लगता है। और फिर अगला दिन पहाड़ जैसा लगता है। लेकिन अगर ध्यान से अगर देखा जाए तो दिन को आसान बनाना कोई मुश्किल काम नहीं है। बस इसके लिए आपको कुछ टिप्स अपनाने होंगे।
2) क्या है जरूरी :-
सबसे पहले इस बात का निर्धारण कीजिए कि पूरे दिन में आपने जिन कामों को करने के बारे में सोचा है, उनमें से सबसे अधिक आवश्य काम कौन से हैं। बस उन जरूरी कामों की एक प्राइम लिस्ट तैयार कीजिए और बाकी को भूल जाइए।
3) योगा :-
हम सभी जानते हैं कि योगा करने से शरीर स्वस्थ रहता है। योगा से न केवल शरीर लचीला बनता है बल्कि मन तथा आत्मा को भी आलोकिकता मिलती है। इसे करने से शरीर के भीतर के चक्र जाग्रत होते हैं। शरीर स्वस्थ रहता है और मन शांत। जिससे दिन की सही शुरुआत और समाप्ति होते हैं।
4) परफेक्ट दिन आएगा :-
अगर आपको लगता है कि शायद ही कभी कोई परफेक्ट दिन आएगा, तो ये जान लें कि दिन को परफेक्ट बनाना आपके ही हाथ में है। पहले आप खुद के साथ ईमानदार होकर यह तय करें कि आपके लिए परफेक्ट दिन के मायने क्या हैं। और फिर देखियेगा कि हर दिन परफेक्ट लगने लगेगा।
5) कोई ज़बरदस्ती का वादा नहीं :-
एक बार निर्धारित कर कि क्या महत्तवपूर्ण है और दिन को परफेक्ट बनाने के लिए आपको क्या-क्या करना है, अब जरूरत होती है कि आप कोई भी अतिरिक्त कमिटमेंट्स को ना कहना सीखें। मसलन बिना बात किसी काम को हाथ में न लें। चाहे वह दफ्तर में हो या दोस्तों या परिवार में या फिर किसी के साथ कहीं जाने का।
6) काम को ठीक से चुनें और सीमित करें :-
रोज सुबह उठकर तीन सबसे जरूरी कामों की लिस्ट बनाएं। उन कामों की एक अलग लिस्ट बनाएं, जिन्हें आप दिन में करना चाहते। इसके बाद इस सूची में से कुछ कम जरूरी और दिनचर्या में दखल देने वाले काम हटा दें। लिस्ट में कुल मिलाकर काम पांच से सात तक होने चाहिए। इस बात को ध्यान रखें कि आप सब कुछ एक दिन में नहीं कर सकते हैं।
7) धीरे-धीरे बढ़े :-
सारा दिन हड़बड़ी में भागते रहने के बजाय धोड़ा धीमा हो जाएं। अगर आप बेसुध होकर एक के बाद एक काम नहीं करेंगे, तो ऐसा नहीं है कि जिंदगी उसी पल थम जाएगी। आपके पास वक्त है, थोड़ा रूकें, मुस्कुराएं और एक काम खत्म करके आराम से पूरा ध्यान लगाकर दूसरा काम शुरू करें।
8) ज्यादा मल्टी टास्किंग नहीं
मल्टी टास्किंग के चक्कर में अकसर काम बिगड़ जाता हैं, इसलिये इसे बंद करें। हालांकि शुरूआत में ऐसा करना थोड़ा मुश्किल होता है, इसका धीरे-धीरे अभ्यास करें। भले ही आपके दिमाग में दूसका काम चल रहा हो, लेकिन हाथों को एक ही काम तक सीमित रखें। इससे आप दिमाग को शांत रखते हुए बेहतर काम कर पाएंगे।
सबसे पहले इस बात का निर्धारण कीजिए कि पूरे दिन में आपने जिन कामों को करने के बारे में सोचा है, उनमें से सबसे अधिक आवश्य काम कौन से हैं। बस उन जरूरी कामों की एक प्राइम लिस्ट तैयार कीजिए और बाकी को भूल जाइए।
3) योगा :-
हम सभी जानते हैं कि योगा करने से शरीर स्वस्थ रहता है। योगा से न केवल शरीर लचीला बनता है बल्कि मन तथा आत्मा को भी आलोकिकता मिलती है। इसे करने से शरीर के भीतर के चक्र जाग्रत होते हैं। शरीर स्वस्थ रहता है और मन शांत। जिससे दिन की सही शुरुआत और समाप्ति होते हैं।
4) परफेक्ट दिन आएगा :-
अगर आपको लगता है कि शायद ही कभी कोई परफेक्ट दिन आएगा, तो ये जान लें कि दिन को परफेक्ट बनाना आपके ही हाथ में है। पहले आप खुद के साथ ईमानदार होकर यह तय करें कि आपके लिए परफेक्ट दिन के मायने क्या हैं। और फिर देखियेगा कि हर दिन परफेक्ट लगने लगेगा।
5) कोई ज़बरदस्ती का वादा नहीं :-
एक बार निर्धारित कर कि क्या महत्तवपूर्ण है और दिन को परफेक्ट बनाने के लिए आपको क्या-क्या करना है, अब जरूरत होती है कि आप कोई भी अतिरिक्त कमिटमेंट्स को ना कहना सीखें। मसलन बिना बात किसी काम को हाथ में न लें। चाहे वह दफ्तर में हो या दोस्तों या परिवार में या फिर किसी के साथ कहीं जाने का।
6) काम को ठीक से चुनें और सीमित करें :-
रोज सुबह उठकर तीन सबसे जरूरी कामों की लिस्ट बनाएं। उन कामों की एक अलग लिस्ट बनाएं, जिन्हें आप दिन में करना चाहते। इसके बाद इस सूची में से कुछ कम जरूरी और दिनचर्या में दखल देने वाले काम हटा दें। लिस्ट में कुल मिलाकर काम पांच से सात तक होने चाहिए। इस बात को ध्यान रखें कि आप सब कुछ एक दिन में नहीं कर सकते हैं।
7) धीरे-धीरे बढ़े :-
सारा दिन हड़बड़ी में भागते रहने के बजाय धोड़ा धीमा हो जाएं। अगर आप बेसुध होकर एक के बाद एक काम नहीं करेंगे, तो ऐसा नहीं है कि जिंदगी उसी पल थम जाएगी। आपके पास वक्त है, थोड़ा रूकें, मुस्कुराएं और एक काम खत्म करके आराम से पूरा ध्यान लगाकर दूसरा काम शुरू करें।
8) ज्यादा मल्टी टास्किंग नहीं
मल्टी टास्किंग के चक्कर में अकसर काम बिगड़ जाता हैं, इसलिये इसे बंद करें। हालांकि शुरूआत में ऐसा करना थोड़ा मुश्किल होता है, इसका धीरे-धीरे अभ्यास करें। भले ही आपके दिमाग में दूसका काम चल रहा हो, लेकिन हाथों को एक ही काम तक सीमित रखें। इससे आप दिमाग को शांत रखते हुए बेहतर काम कर पाएंगे।