दोस्तों ,जून का महीना आ गया है और सूरज अपनी प्रखर किरणों की तीव्रता
से संसार के जलियांश (स्नेह )को सुखा कर वायु में रूखापन और ताप बढ़ा कर
मनुष्यों के शरीर के ताप की भी वृद्धि कर रहा है!
गर्मी में होने वाले आम रोग –गर्मी में लापरवाही के कारण सरीर में निर्जलीकरण (dehydration),लू लगना, चक्कर आना ,घबराहट होना ,नकसीर आना, उलटी-दस्त, sun-burn,घमोरिया जैसी कई diseases हो जाती हैं.
इन बीमारियों के होने में प्रमुख कारण-
गर्मी के मोसम में खुले शरीर ,नंगे सर ,नंगे पाँव धुप में चलना ,
तेज गर्मी में घर से खाली पेट या प्यासा बाहर जाना,
कूलर या AC से निकल कर तुरंत धुप में जाना ,
बाहर धुप से आकर तुरंत ठंडा पानी पीना ,सीधे कूलर या AC में बेठना ,
तेज मिर्च-मसाले,बहुत गर्म खाना ,चाय ,शराब इत्यादि का सेवन ज्यादा करना ,
सूती और ढीले कपड़ो की जगह सिंथेटिक और कसे हुए कपडे पहनना
इत्यादि कारण गर्मी से होने वाले रोगों को पैदा कर सकते हैं
हम कुछ छोटी-छोटी किन्तु महत्त्वपूर्ण बातो का ध्यान रख कर ,इन सबसे बचे रह कर ,गर्मी का आनंद ले सकते हैं!
उपचार से बचाव बेहतर होता है,है ना?
तो चलिए हम कुछ वचाव के तरीके जानते हैं –
गर्मी में सूरज अपनी प्रखर किरणों से जगत के स्नेह को पीता रहता है,इसलिए गर्मी में मधुर(मीठा) ,शीतल(ठंडा) ,द्रव (liquid)तथा इस्निग्धा खान-पान हितकर होता है!
गर्मी में जब भी घर से निकले ,कुछ खा कर और पानी पी कर ही निकले ,खाली पेट नहीं
गर्मी में ज्यादा भारी (garistha),बासा भोजन नहीं करे,क्योंकि गर्मी में सरीर की जठराग्नि मंद रहती है ,इसलिए वह भारी खाना पूरी तरह पचा नहीं पाती और जरुरत से ज्यादा खाने या भारी खाना खाने से उलटी-दस्त की शिकायत हो सकती है
गर्मी में सूती और हलके रंग के कपडे पहनने चाहिये
चेहरा और सर रुमाल या साफी से ढक कर निकलना चाहिये
प्याज का सेवन तथा जेब में प्याज रखना चाहिये
बाजारू ठंडी चीजे नहीं बल्कि घर की बनी ठंडी चीजो का सेवन करना चाहिये
ठंडा मतलब आम(केरी) का पना, खस,चन्दन गुलाब फालसा संतरा का सरबत ,ठंडाई सत्तू, दही की लस्सी,मट्ठा,गुलकंद का सेवन करना चाहिये
इनके अलावा लोकी ,ककड़ी ,खीरा, तोरे,पालक,पुदीना ,नीबू ,तरबूज आदि का सेवन अधिक करना चाहिये
शीतल पानी का सेवन ,2 से 3 लीटर रोजाना
अगर आप योग के जानकार हैं ,तो सीत्कारी ,शीतली तथा चन्द्र भेदन प्राणायाम एवं शवासन का अभ्यास कीजिये ये शारीर में शीतलता का संचार करते हैं
तो दोस्तों इन कुछ छोटी छोटी बातो का ध्यान रख कर गर्मी की गर्मी से हम स्वयं को बचा सकते हैं!
गर्मी में लू से बचने के उपाय
गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव ही इसका उपचार है। खाली पेट न रहें। पानी अधिक पिएं। सिर में टोपी पहनें, कान बंद रखें। ककड़ी, प्याज, मौसंबी, मूली, बरबटी, दही, मठा, पुदीना, चना का उपयोग करें।
क्या-क्या सावधानियां बरते
लू से बचने के लिए शरीर में पानी की कमी न होने दें, स्वच्छ पानी पीएं। रेहड़ी या हैंड पंप के पानी से बचें।
तेज गर्म हवाओं में बाहर जाने से बचें। नंगे बदन और नंगे पैर धूप में न निकलें।
निकलना आवश्यक हो तो पूरे और ढीले कपड़े पहनकर निकलें, ताकि उनमें हवा लगती रहे। सिर ढक कर रखें।
ज्यादा टाइट और गहरे रंग के कपड़े न पहनें।
सूती कपड़े पहनें। सिंथेटिक, नायलॉन और पॉलिएस्टर के कपड़े न पहनें।
खाली पेट बाहर न जाएं और ज्यादा देर भूखे रहने से बचें।
धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, सिर पर गीला या सादा कपड़ा रखकर चलें।
चश्मा पहनकर बाहर जाएं। चेहरे को कपड़े से ढक लें।
घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर निकलें, जैसे आम पना, शिकंजी, खस का शर्बत आदि। साथ में भी पानी लेकर चलें।
बहुत ज्यादा पसीना आया हो तो फौरन ठंडा पानी न पीएं। सादा पानी भी धीरे.धीरे करके पीएं। अच्छा हो कि शिंकजी का सेवन करें। उच्च रक्तचाप के रोगी शिंकजी में सैधा नमक का प्रयोग करें।
रोजाना नहाएं और शरीर को ठंडा रखें।
बाजार से कटे हुए फल न लें।
घर को ठंडा रखने की कोशिश करें। खस के पर्दे, कूलर आदि का इस्तेमाल करें।
वातानुकूलित भवनों और वाहनों में प्रवेश और निकास के समय जल्दी न करें, थोड़ा रुक कर आएं-जाएं।
बुर्जुगों, छोटे बच्चों तथा फेंफड़ो व किडनी के मरीजों को इस मौसम में विशेष रुप से सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि इन्हें लू लगने का खतरा अधिक होता है।
* धूप में निकलते वक्त छाते का इस्तेमाल करना चाहिए. सिर ढक कर धूप में निकलने से भी लू से बचा जा सकता है.
* घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर बाहर निकलें. जैसे आम पना, शिकंजी, खस का शर्बत ज्यादा फायदेमंद है.
* तेज धूप से आते ही और ज्यादा पसीना आने पर फौरन ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए.
* गर्मी के दिनों में बार-बार पानी पीते रहना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो.
* पानी में नींबू और नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू लगने का खतरा कम रहता है.
* धूप में बाहर जाते वक्त खाली पेट नहीं जाना चाहिए.
* सब्जियों के सूप का सेवन करने से भी लू से बचा जा सकता है.
* गर्मी के दिनों में हल्का भोजन करना चाहिए. भोजन में दही को शामिल करना चाहिए.
* नहाने से पहले जौ के आटे को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाकर बॉडी पर लगाकर कुछ देर बाद ठंडे पानी से नहाने से लू का असर कम होता है.
* लू से बचने के लिए कच्चे आम का लेप बनाकर पैरों के तलवों पर मालिश करनी चाहिए.
* लू लगने और ज्यादा गर्मी में शरीर पर घमौरियां हो जाती हैं. बेसन को पानी में घोलकर घमौरियों पर लगाने से फायदा होता है.
* लू लगने पर जौ के आटे और प्याज को पीसकर पेस्ट बनाएं और उसे शरीर पर लगाएं. जरूर राहत मिलेगी.
* धूप में निकलने से पहले नाखून पर प्याज घिसकर लगाने से लू नहीं लगती. यही नहीं धूप में बाहर निकलते वक्त अगर अाप छिला हुआ प्याज लेकर साथ चलेंगे तो भी आपको लू नहीं लगेगी.
* धूप से आने के बाद थोड़ा सा प्याज का रस शहद में मिलाकर चाटने से लू लगने का खतरा कम होता है.
* गर्मी के मौसम में खाने के बाद गुड़ खाने से भी लू लगने का डर कम होता है.
* टमाटर की चटनी, नारियल और पेठा खाने से भी लू नही लगती.
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लू से बचने के घरेलू नुस्खे
धनिए को पानी में भिगोकर रखें, फिर उसे अच्छी तरह मसलकर तथा छानकर उसमें थोड़ी सी शकर मिलाकर पीने से गरमियों में लू से राहत मिलती है।
मेथी की सूखी पत्तियों को ठंडे पानी में कुछ समय भिगोकर रखें, बाद में उसे हाथ से मसलकर छान लें, इस पानी में थोड़ा सा शहद मिलाकर दो-दो घंटे पर रोगी को पिलाएँ, इससे लू से तुरंत छुटकारा मिलता है।
इमली के बीज को पीसकर उसे पानी में घोलकर कपड़े से छान लें। इस पानी में शकर मिलाकर पीने से लू का शमन होता है।
भुना हुआ आम और प्याज पीसकर लेप करना लाभदायक होता है।
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गर्मी में होने वाले आम रोग –गर्मी में लापरवाही के कारण सरीर में निर्जलीकरण (dehydration),लू लगना, चक्कर आना ,घबराहट होना ,नकसीर आना, उलटी-दस्त, sun-burn,घमोरिया जैसी कई diseases हो जाती हैं.
इन बीमारियों के होने में प्रमुख कारण-
गर्मी के मोसम में खुले शरीर ,नंगे सर ,नंगे पाँव धुप में चलना ,
तेज गर्मी में घर से खाली पेट या प्यासा बाहर जाना,
कूलर या AC से निकल कर तुरंत धुप में जाना ,
बाहर धुप से आकर तुरंत ठंडा पानी पीना ,सीधे कूलर या AC में बेठना ,
तेज मिर्च-मसाले,बहुत गर्म खाना ,चाय ,शराब इत्यादि का सेवन ज्यादा करना ,
सूती और ढीले कपड़ो की जगह सिंथेटिक और कसे हुए कपडे पहनना
इत्यादि कारण गर्मी से होने वाले रोगों को पैदा कर सकते हैं
हम कुछ छोटी-छोटी किन्तु महत्त्वपूर्ण बातो का ध्यान रख कर ,इन सबसे बचे रह कर ,गर्मी का आनंद ले सकते हैं!
उपचार से बचाव बेहतर होता है,है ना?
तो चलिए हम कुछ वचाव के तरीके जानते हैं –
गर्मी में सूरज अपनी प्रखर किरणों से जगत के स्नेह को पीता रहता है,इसलिए गर्मी में मधुर(मीठा) ,शीतल(ठंडा) ,द्रव (liquid)तथा इस्निग्धा खान-पान हितकर होता है!
गर्मी में जब भी घर से निकले ,कुछ खा कर और पानी पी कर ही निकले ,खाली पेट नहीं
गर्मी में ज्यादा भारी (garistha),बासा भोजन नहीं करे,क्योंकि गर्मी में सरीर की जठराग्नि मंद रहती है ,इसलिए वह भारी खाना पूरी तरह पचा नहीं पाती और जरुरत से ज्यादा खाने या भारी खाना खाने से उलटी-दस्त की शिकायत हो सकती है
गर्मी में सूती और हलके रंग के कपडे पहनने चाहिये
चेहरा और सर रुमाल या साफी से ढक कर निकलना चाहिये
प्याज का सेवन तथा जेब में प्याज रखना चाहिये
बाजारू ठंडी चीजे नहीं बल्कि घर की बनी ठंडी चीजो का सेवन करना चाहिये
ठंडा मतलब आम(केरी) का पना, खस,चन्दन गुलाब फालसा संतरा का सरबत ,ठंडाई सत्तू, दही की लस्सी,मट्ठा,गुलकंद का सेवन करना चाहिये
इनके अलावा लोकी ,ककड़ी ,खीरा, तोरे,पालक,पुदीना ,नीबू ,तरबूज आदि का सेवन अधिक करना चाहिये
शीतल पानी का सेवन ,2 से 3 लीटर रोजाना
अगर आप योग के जानकार हैं ,तो सीत्कारी ,शीतली तथा चन्द्र भेदन प्राणायाम एवं शवासन का अभ्यास कीजिये ये शारीर में शीतलता का संचार करते हैं
तो दोस्तों इन कुछ छोटी छोटी बातो का ध्यान रख कर गर्मी की गर्मी से हम स्वयं को बचा सकते हैं!
गर्मी में लू से बचने के उपाय
गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है। इससे बचाव ही इसका उपचार है। खाली पेट न रहें। पानी अधिक पिएं। सिर में टोपी पहनें, कान बंद रखें। ककड़ी, प्याज, मौसंबी, मूली, बरबटी, दही, मठा, पुदीना, चना का उपयोग करें।
क्या-क्या सावधानियां बरते
लू से बचने के लिए शरीर में पानी की कमी न होने दें, स्वच्छ पानी पीएं। रेहड़ी या हैंड पंप के पानी से बचें।
तेज गर्म हवाओं में बाहर जाने से बचें। नंगे बदन और नंगे पैर धूप में न निकलें।
निकलना आवश्यक हो तो पूरे और ढीले कपड़े पहनकर निकलें, ताकि उनमें हवा लगती रहे। सिर ढक कर रखें।
ज्यादा टाइट और गहरे रंग के कपड़े न पहनें।
सूती कपड़े पहनें। सिंथेटिक, नायलॉन और पॉलिएस्टर के कपड़े न पहनें।
खाली पेट बाहर न जाएं और ज्यादा देर भूखे रहने से बचें।
धूप से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, सिर पर गीला या सादा कपड़ा रखकर चलें।
चश्मा पहनकर बाहर जाएं। चेहरे को कपड़े से ढक लें।
घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर निकलें, जैसे आम पना, शिकंजी, खस का शर्बत आदि। साथ में भी पानी लेकर चलें।
बहुत ज्यादा पसीना आया हो तो फौरन ठंडा पानी न पीएं। सादा पानी भी धीरे.धीरे करके पीएं। अच्छा हो कि शिंकजी का सेवन करें। उच्च रक्तचाप के रोगी शिंकजी में सैधा नमक का प्रयोग करें।
रोजाना नहाएं और शरीर को ठंडा रखें।
बाजार से कटे हुए फल न लें।
घर को ठंडा रखने की कोशिश करें। खस के पर्दे, कूलर आदि का इस्तेमाल करें।
वातानुकूलित भवनों और वाहनों में प्रवेश और निकास के समय जल्दी न करें, थोड़ा रुक कर आएं-जाएं।
बुर्जुगों, छोटे बच्चों तथा फेंफड़ो व किडनी के मरीजों को इस मौसम में विशेष रुप से सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि इन्हें लू लगने का खतरा अधिक होता है।
* धूप में निकलते वक्त छाते का इस्तेमाल करना चाहिए. सिर ढक कर धूप में निकलने से भी लू से बचा जा सकता है.
* घर से पानी या कोई ठंडा शरबत पीकर बाहर निकलें. जैसे आम पना, शिकंजी, खस का शर्बत ज्यादा फायदेमंद है.
* तेज धूप से आते ही और ज्यादा पसीना आने पर फौरन ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए.
* गर्मी के दिनों में बार-बार पानी पीते रहना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो.
* पानी में नींबू और नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू लगने का खतरा कम रहता है.
* धूप में बाहर जाते वक्त खाली पेट नहीं जाना चाहिए.
* सब्जियों के सूप का सेवन करने से भी लू से बचा जा सकता है.
* गर्मी के दिनों में हल्का भोजन करना चाहिए. भोजन में दही को शामिल करना चाहिए.
* नहाने से पहले जौ के आटे को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाकर बॉडी पर लगाकर कुछ देर बाद ठंडे पानी से नहाने से लू का असर कम होता है.
* लू से बचने के लिए कच्चे आम का लेप बनाकर पैरों के तलवों पर मालिश करनी चाहिए.
* लू लगने और ज्यादा गर्मी में शरीर पर घमौरियां हो जाती हैं. बेसन को पानी में घोलकर घमौरियों पर लगाने से फायदा होता है.
* लू लगने पर जौ के आटे और प्याज को पीसकर पेस्ट बनाएं और उसे शरीर पर लगाएं. जरूर राहत मिलेगी.
* धूप में निकलने से पहले नाखून पर प्याज घिसकर लगाने से लू नहीं लगती. यही नहीं धूप में बाहर निकलते वक्त अगर अाप छिला हुआ प्याज लेकर साथ चलेंगे तो भी आपको लू नहीं लगेगी.
* धूप से आने के बाद थोड़ा सा प्याज का रस शहद में मिलाकर चाटने से लू लगने का खतरा कम होता है.
* गर्मी के मौसम में खाने के बाद गुड़ खाने से भी लू लगने का डर कम होता है.
* टमाटर की चटनी, नारियल और पेठा खाने से भी लू नही लगती.
अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें. आप दिल्ली आजतक को भी फॉलो कर सकते हैं.
लू से बचने के घरेलू नुस्खे
धनिए को पानी में भिगोकर रखें, फिर उसे अच्छी तरह मसलकर तथा छानकर उसमें थोड़ी सी शकर मिलाकर पीने से गरमियों में लू से राहत मिलती है।
मेथी की सूखी पत्तियों को ठंडे पानी में कुछ समय भिगोकर रखें, बाद में उसे हाथ से मसलकर छान लें, इस पानी में थोड़ा सा शहद मिलाकर दो-दो घंटे पर रोगी को पिलाएँ, इससे लू से तुरंत छुटकारा मिलता है।
इमली के बीज को पीसकर उसे पानी में घोलकर कपड़े से छान लें। इस पानी में शकर मिलाकर पीने से लू का शमन होता है।
भुना हुआ आम और प्याज पीसकर लेप करना लाभदायक होता है।
शेयर कीजिये और अन्य मित्रों की भी जान बचाइये