▪ दिनभर मे 6 बार खाकर कम कर सकते हैं वजन।
▪ इससे शरीर की चर्बी घटती है फैट फ्री मॉस नहीं।
▪ थोड़ा-थोड़ा खाने से बढ़ता है मेटाबॉलिज्म स्तर।
▪ मेटाबॉलिज्म ठीक रहने से खाना ठीक से पचता है।
▪ इससे शरीर की चर्बी घटती है फैट फ्री मॉस नहीं।
▪ थोड़ा-थोड़ा खाने से बढ़ता है मेटाबॉलिज्म स्तर।
▪ मेटाबॉलिज्म ठीक रहने से खाना ठीक से पचता है।
● वजन कम करने में आहार की सबसे प्रमुख भूमिका होती है, आप जो खाते हैं
उसका सीधा असर आपके वजन पर पड़ता है। यदि आप अपना वजन घटाना चाहते हैं तो
एक साथ ज्यादा खाने की बजाय दिनभर में 6 बार थोड़ा-थोड़ा भोजन लें। मोटे
लोग प्रतिदिन 6 बार भोजन करने की तुलना में दिनभर में कम कैलोरी और अधिक
प्रोटीन युक्त आहार लेकर भूख पर नियंत्रण पा सकते हैं। थोड़े अंतराल पर कम
भोजन खाने से रक्तचाप को कम करने तथा कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटाने में मदद
मिलती है और इससे वजन भी कम होता है।
》दिनभर में 6 बार खाएं
सांइस जर्ऩल न्यूट्रीशन रिसर्च मे प्रकाशित एक शोध के अनुसार वजन कम करने वालों का स्वस्थ और स्थिर खानपान बनाएं रखना एक चुनौती की तरह होता है। इस शोध के अनुसार दिन में दो बार खाने की बजाए 6 बार भोजन करने वालों का ना सिर्फ वजन कम होता है बल्कि शरीर भी स्वस्थ रहता है। दिन में 6 बार खाने से ग्लूकोज, इंसुलिन और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी संतुलित रहता है। 6 बार भोजन करने से न केवल चर्बी घटती है, फैट फ्री मॉस भी सुरक्षित रहता है। इससे वजन घटने के बाद त्वचा में ढीलापन नहीं आता है।
》क्या हैं 6 बार खाने के फायदे
कई बार खाना खाने से हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। मेटाबॉलिज्म के दौरान खाना एनर्जी, एंजाइम्स और फैट में बदलता है। एनर्जी विभिन्न काम करने में इस्तेमाल होती है, एंजाइम्स हॉर्मोंस बनाते हैं और पाचन में मदद करते हैं, जबकि फैट शरीर में जमा हो जाता है। मेटाबॉलिज्म ठीक से नहीं होता तो शरीर में फैट बढ़ जाता है। इससे कॉलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर, दोनों बढ़ने की आशंका होती है।
》कितना खाएं
एक सर्विंग का मतलब एक सेब या एक नाशपाती या एक अमरूद या 15-20 अंगूर या पपीते की 2-3 फांक से है। इसी तरह सब्जियों का अनुमान कटोरी से लगा सकते हैं। मसलन एक सर्विंग का मतलब एक छोटी कटोरी। यानी तमाम फल और सब्जियां मिलाकर अगर दिन भर में 7 सर्विंग खाते हैं तो यह हमारी सेहत को सुधारता है। सब्जियों को खाने के साथ और फलों को बतौर स्नैक्स मील्स के बीच में खाना बेहतर है।
कई बार खाने के साथ-साथ नियमित रूप से खाना भी जरूरी है। अगर आप नियमित रूप से नहीं खाएंगे तो शरीर यह जान नहीं पाएगा कि अगली बार खाना कब मिलेगा। अगर खाना वक्त-बेवक्त लिया जाए तो मेटाबॉलिज्म पर और भी बुरा असर पड़ता है।
》दिनभर में 6 बार खाएं
सांइस जर्ऩल न्यूट्रीशन रिसर्च मे प्रकाशित एक शोध के अनुसार वजन कम करने वालों का स्वस्थ और स्थिर खानपान बनाएं रखना एक चुनौती की तरह होता है। इस शोध के अनुसार दिन में दो बार खाने की बजाए 6 बार भोजन करने वालों का ना सिर्फ वजन कम होता है बल्कि शरीर भी स्वस्थ रहता है। दिन में 6 बार खाने से ग्लूकोज, इंसुलिन और कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी संतुलित रहता है। 6 बार भोजन करने से न केवल चर्बी घटती है, फैट फ्री मॉस भी सुरक्षित रहता है। इससे वजन घटने के बाद त्वचा में ढीलापन नहीं आता है।
》क्या हैं 6 बार खाने के फायदे
कई बार खाना खाने से हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। मेटाबॉलिज्म के दौरान खाना एनर्जी, एंजाइम्स और फैट में बदलता है। एनर्जी विभिन्न काम करने में इस्तेमाल होती है, एंजाइम्स हॉर्मोंस बनाते हैं और पाचन में मदद करते हैं, जबकि फैट शरीर में जमा हो जाता है। मेटाबॉलिज्म ठीक से नहीं होता तो शरीर में फैट बढ़ जाता है। इससे कॉलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर, दोनों बढ़ने की आशंका होती है।
》कितना खाएं
एक सर्विंग का मतलब एक सेब या एक नाशपाती या एक अमरूद या 15-20 अंगूर या पपीते की 2-3 फांक से है। इसी तरह सब्जियों का अनुमान कटोरी से लगा सकते हैं। मसलन एक सर्विंग का मतलब एक छोटी कटोरी। यानी तमाम फल और सब्जियां मिलाकर अगर दिन भर में 7 सर्विंग खाते हैं तो यह हमारी सेहत को सुधारता है। सब्जियों को खाने के साथ और फलों को बतौर स्नैक्स मील्स के बीच में खाना बेहतर है।
कई बार खाने के साथ-साथ नियमित रूप से खाना भी जरूरी है। अगर आप नियमित रूप से नहीं खाएंगे तो शरीर यह जान नहीं पाएगा कि अगली बार खाना कब मिलेगा। अगर खाना वक्त-बेवक्त लिया जाए तो मेटाबॉलिज्म पर और भी बुरा असर पड़ता है।