● हाइपरथायरायडिज्म रोग में थायराक्सिन हार्मोन अधिक बनने लगता है। ये
असमान्य अवस्थाएं किसी भी आयु वाले व्यक्ति में हो सकती है। कई बार इंसान
को इस बीमारी के बारे में तब तक नहीं पता चलता जब तक कि उसे अवसाद, कम भूख,
कब्ज, थकान, दुबलापन और कमजोरी ना लगने लगे। यह बीमारी पुरुषों की तुलना
में महिलाओं को ज्यादा होती है। हांलाकि यह बीमारी दवाइयों तथा घरेलू
उपचार करने से ठीक भी हो जाती है लेकिन फिर भी आइये देखते हैं कि हाइपरथायरायडिज्म को प्राकृतिक तरीके से कैसे ठीक किया जा सकता है।
1) सोया उत्पादों को ना खाएं -
सोया उत्पाद थायरॉयड ग्रंथि को दबाता है और हार्मोन में असंतुलन पैदा करता है। इसलिये अपने भोजन में ना तो सोया उत्पाद लें और ना ही सोया तेल।
2) आयोडीन आहार खाएं -
यह थायरॉयड हार्मोन टी4 और ट्राइडोथायरायडिज्म पर प्राकृतिक तरह से प्रभाव डालता है। कुछ आयोडीन आहार जैसे, दही, करौंदा, आलू, स्ट्रॉबेरी और डेयरी उत्पादों को आहार में शामिल करें।
3) फैटी एसिड -
थायरॉयड से प्राकृतिक रूप से निपटने के लिये आपको डाइट में ओमेगा 3 फैटी एसिड लेना चाहिये, जो कि मछली में प्राप्त होगा।
साबुत अनाज- गेहूं, ब्राउन राइस, पास्ता, गेहूं की ब्रेड या फिर कोई भी ऐसा आहार जिसमें विटामिन बी सम्पूर्ण मात्रा में मिला हो।
4) ऑलिव ऑयल -
बटर, सोया तेल, वेजिटेबल ऑयल आदि को ना खाएं क्योंकि इसमें कैलोरीज़ और जमी हुइ चर्बी ज्यादा होती है। इन तेलों की जगह पर ऑलिव ऑयल का तेल प्रयोग करें, इससे दिल की बीमारी नहीं होती है और वजन भी कंट्रोल में रहता है
5) कैल्शियम वाले आहार -
हाइपरथायरायडिज्म की वजह से हड्डी की ताकत और मजबूती कमजोर हो जाती है। तो अपने आहार में कैल्शियम वाले आहार बढाइये जैसे, चीज, टोफू, तिल के बीज, बादाम, दही, दूध, ब्रॉक्ली, सरसों आदि।
6) कैफीन ना खाएं -
अगर आप कैफीन से युक्त कोई भी पेय पिएंगे तो आपको इस बीमारी में और भी समस्याएं आएंगी। कैफीन पीने से हार्ट रेट बढता है, घबराहट, चिंता और भूख भी कम लगती है। काली कॉफी से लेकर डार्क चॉकलेट तक जितने भी कैफीन युक्त आहार हैं, उन्हें ना खाएं।
सोया उत्पाद थायरॉयड ग्रंथि को दबाता है और हार्मोन में असंतुलन पैदा करता है। इसलिये अपने भोजन में ना तो सोया उत्पाद लें और ना ही सोया तेल।
2) आयोडीन आहार खाएं -
यह थायरॉयड हार्मोन टी4 और ट्राइडोथायरायडिज्म पर प्राकृतिक तरह से प्रभाव डालता है। कुछ आयोडीन आहार जैसे, दही, करौंदा, आलू, स्ट्रॉबेरी और डेयरी उत्पादों को आहार में शामिल करें।
3) फैटी एसिड -
थायरॉयड से प्राकृतिक रूप से निपटने के लिये आपको डाइट में ओमेगा 3 फैटी एसिड लेना चाहिये, जो कि मछली में प्राप्त होगा।
साबुत अनाज- गेहूं, ब्राउन राइस, पास्ता, गेहूं की ब्रेड या फिर कोई भी ऐसा आहार जिसमें विटामिन बी सम्पूर्ण मात्रा में मिला हो।
4) ऑलिव ऑयल -
बटर, सोया तेल, वेजिटेबल ऑयल आदि को ना खाएं क्योंकि इसमें कैलोरीज़ और जमी हुइ चर्बी ज्यादा होती है। इन तेलों की जगह पर ऑलिव ऑयल का तेल प्रयोग करें, इससे दिल की बीमारी नहीं होती है और वजन भी कंट्रोल में रहता है
5) कैल्शियम वाले आहार -
हाइपरथायरायडिज्म की वजह से हड्डी की ताकत और मजबूती कमजोर हो जाती है। तो अपने आहार में कैल्शियम वाले आहार बढाइये जैसे, चीज, टोफू, तिल के बीज, बादाम, दही, दूध, ब्रॉक्ली, सरसों आदि।
6) कैफीन ना खाएं -
अगर आप कैफीन से युक्त कोई भी पेय पिएंगे तो आपको इस बीमारी में और भी समस्याएं आएंगी। कैफीन पीने से हार्ट रेट बढता है, घबराहट, चिंता और भूख भी कम लगती है। काली कॉफी से लेकर डार्क चॉकलेट तक जितने भी कैफीन युक्त आहार हैं, उन्हें ना खाएं।